चलो एक कदम आगे बढ़ाए डर कर नही डट कर आगे आएं। चलो एक कदम आगे बढ़ाए डर कर नही डट कर आगे आएं।
जो घाव दिए है हमने धरती को उन घावों पर मरहम अब लगाना होगा। जो घाव दिए है हमने धरती को उन घावों पर मरहम अब लगाना होगा।
क्यों आँँसू के रंग अनेक ? लहू के रंग अनेक...! क्यों आँँसू के रंग अनेक ? लहू के रंग अनेक...!
मैं खून बोलता हूँ, वाहवाही मिली नही मुझको अबतक। मैं खून बोलता हूँ, के मुझसे सना हुआ गंगा का तट। मैं खून बोलता हूँ, वाहवाही मिली नही मुझको अबतक। मैं खून बोलता हूँ, के मुझसे स...
उस आदम के पास जो शुद्ध अशुद्ध में फर्क नहीं जानता था। उस आदम के पास जो शुद्ध अशुद्ध में फर्क नहीं जानता था।